बालासोर हादसे की वजह सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी

बालासोर हादसे की वजह सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी
सेफ्टी कमिश्नर की रिपोर्ट में खुलासा; विपक्ष ने कहा- सरकार की लापरवाही से ट्रेनें मुर्दाघर बनीं
पूनम की रिपोर्ट 2 जून को ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी। दो दशक के सबसे बड़े हादसे में 293 लोगों की मौत हो गई और 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए।
हादसे की जांच CBI कर रही है। एक जांच रेलवे बोर्ड की ओर से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) ने भी की है। सोमवार को CRS ने 40 पेज की रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी।
रिपोर्ट के मुताबिक, लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की वजह से ऑटोमेटेड सिग्नलिंग सिस्टम में गड़बड़ी हुई। जो हादसे का कारण बना। क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स में तारों की गलत लेबलिंग के बारे में सालों तक मालूम ही नहीं चला। मेंटेनेंस के दौरान भी इसमें गड़बड़ी हुई है।
रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं। TMC ने कहा कि सरकार की लापरवाही से पैसेंजर ट्रेनें चलता फिरता मुर्दाघर बन गई हैं। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा- वंदे भारत ट्रेनों के उद्घाटन की सनक में केंद्र सरकार रेलवे सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर समझौता कर रही है।रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर पैसेंजर्स की सुरक्षा पर पीआर को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने भारतीय रेलवे को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों की अनदेखी की। TMC सांसद ने दावा किया कि देश में पैसेंजर ट्रेनें चलता फिरता मुर्दाघर बन गई हैं।
उन्होंने कहा कि संसद में विपक्षी दलों ने अक्सर भारतीय रेलवे से जुड़े गंभीर मुद्दे उठाए और उनमें सुधार के लिए सुझाव भी दिए। उन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। मौजूदा सरकार में पैसेंजर्स की सेफ्टी से ज्यादा जनसंपर्क को प्राथमिकता दी जाती है।

 

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