पायलट बोले- खड़गे ने कहा, भूलो… माफ करो, आगे बढ़ो

पायलट बोले- खड़गे ने कहा, भूलो… माफ करो, आगे बढ़ो
गहलोत उम्र-अनुभव में मुझसे बड़े, मिलकर चुनाव लड़ेंगे; जीतने के बाद फैसला होगा CM कौन
पूनम की रिपोर्ट राजस्थान कांग्रेस में चल रहे कोल्ड वॉर में अब सियासी सीजफायर हो गया है। सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।पायलट ने कहा- सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझसे कहा कि भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो। जो समय निकल गया, वो आने वाला नहीं है, चुनौतियां हमारे सामने हैं। उनकी बात एक सुझाव भी है, अध्यक्ष के तौर पर निर्देश भी है। खड़गे जी ने जो कहा, उस पर विश्वास करता हूं।न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में सीएम अशोक गहलोत से मतभेदों के सवाल पर पायलट ने कहा- अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे बड़े हैं। उनको ज्यादा अनुभव है। उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां हैं। जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था तो मैंने कोशिश की थी कि सबको साथ लेकर चलूं। मुझे लगता है कि आज वह मुख्यमंत्री हैं, तो यह कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ लेकर चलें।
अगर कहीं कुछ थोड़ा आगे-पीछे है, तो वह बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि पार्टी और जनता किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह बात मैं भी समझता हूं और वह भी समझते हैं।विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर पायलट ने कहा- दशकों से कांग्रेस की परंपरा रही है कि चुनाव से पहले पार्टी चेहरा घोषित नहीं करती। दशकों से कांग्रेस किसी प्रदेश में किसी एक चेहरे को आगे करके चुनाव नहीं लड़ती।
पायलट ने कहा कि 2018 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था, हम सब मिलकर चुनाव लड़े। बाद में पार्टी ने जो फैसला लिया, वो सबके सामने है। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव जीतने के बाद फैसला किया जाएगा कि किसको मौका दिया जाए। फिलहाल महत्वपूर्ण यह है कि हमें चुनाव जीतना है।
सामूहिक नेतृत्व ही चुनाव में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता ​होने के सवाल पर पायलट ने कहा- आगे जाने का यही एकमात्र रास्ता है। जब मैं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था तो उस वक्त कहा था कि कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि वह चुनाव जीतने का जादू कर सकता है या कर सकती है। यह हमेशा एक सामूहिक प्रयास होता है।विधानसभा चुनाव में भूमिका के सवाल पर पायलट ने कहा- यह कांग्रेस नेतृत्व को तय करना है, लेकिन राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए जो भी संभव होगा, वह करेंगे।

क्या उनका दिल राजस्थान में ही बसता है और ऐसे में वह प्रदेश में ही भूमिका चाहते हैं, इस सवाल पर पायलट ने कहा- बिल्कुल सच है। मैंने कभी इस बात को छुपाया नहीं। वहां (राजस्थान) के लोगों, कार्यकर्ताओं, मिट्टी और मतदाताओं का मुझे आशीर्वाद मिला है। मेरी सबसे बड़ी पूंजी वो है। मैं चाहता हूं कि मेरा जो भी योगदान हो सके, मैं करूं। हम दोबारा सरकार बनाएं।पायलट ने कहा- 2018 में हम सब मिलकर लड़े थे, उसका परिणाम आया। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीट पर आ गई थी। उस वक्त हमने मिलकर काम किया और हमें सफलता मिली। इसलिए, मुझे लगता है कि दिसंबर 2023 में होने वाले चुनाव में हम मिलकर काम करेंगे, तो जनता का आशीर्वाद मिलेगा।

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