पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन

पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन
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प्रिया की रिपोर्ट किसान आंदोलन के दो गैर राजनीतिक संगठन केएमएम और एसकेएम बुधवार को 12 बजे रेलवे ट्रैक पर उतर आए। आने-जाने वाली ट्रेनों को रोक दिया। सैकड़ों किसानों के रेल की पटरी पर बैठने से उस रूट की सभी ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया गया। पंजाब के कई इलाकों में ट्रेन संचानल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान संगठनों ने पहले ही 12 बजे से 3 बजे तक तीन घंटे का रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था।प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन बार दिल्ली में घुसने की कोशिश की थी जो नाकाम रही। किसान एमएसपी पर लीगल गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे 12 से 3 बजे तक ऐसे ही रेलवे ट्रैक पर बैठे रहेंगे। विरोध प्रदर्शन अमृतसर सहित विभिन्न स्थानों पर किया गया।रेल रोको आंदोलन से दिल्ली-जम्मू, दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-जालंधर और दिल्ली-फिरोजपुर जैसी महत्वपूर्ण रेलवे लाइनों पर रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय रेलवे ने हालात देखते हुए कुछ ट्रेनों का रूट बदला है।सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह खनौरी बॉर्डर पहुंचे और उनके साथ कई पंजाबी गायक और कई महान हस्तियां पहुंची। सिंह ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मंगलवार को जन आंदोलन में लाखों किसान, मजदूर, युवा शामिल। हमें उम्मीद है कि यह मोर्चा जीत की ओर बढ़ेगा। ये रेल रोको आंदोलन बाकी सभी रेल रोको आंदोलनों से बड़ा होगा।किसान नेता सरवन सिंह ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन पर बैठे 22 दिन पूरे हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक किसानों से बात नहीं की है। मोदी सरकार किसानों के मुद्दों को डीरेल करना चाहती है। पंजाब में जहां भी रेल के फाटक है, वहां किसानों ने चक्का जाम करके ट्रेनों को रोका।
किसान आंदोलनके चलते खनौरी बॉर्डर पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हैं। बीते 15 दिसंबर को पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में निदेशक मयंक मिश्रा के साथ अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात कर उनसे बातचीत की थी। डल्लेवाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हम अनशनकारी नेता को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने आए हैं।

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